मैं मेरे ख्वाब और रवायत/story,real story,my unique birth story,real life story,real love story,unique love story bobby,love story,unique,great big story,as actor real love story,embracing your unique love story,my unique labor and delivery story,real story of sohni mahiwal,real scary stories,juhi chawla and jai mehta real love story,short story,juhi chawla and jai mehta unique love story
भागते भागते गिर गया,
फिर उठा,
फिर भागने लगा,
फिर गिरा,
फिर मेरी आंख खुल गई
मैं नींद में था ख़ाब देख रहा था,
यहीं बात खत्म हो जाती तो अच्छा था मगर ऐसा नहीं हुआ
ए कहानी शुरू ही ऐसे होती है,,
,,,मै और मेरे ख्वाब और रवायत,,,
दोबारा जब मुझे नींद ने अपनी आगोश में ले लिया
तो फिर वहीं से
गिरते पड़ते भागने लगा
एक आवाज़ जो मुझे इस क़दर मुतासिर कर गई थी
कि मैं बस उस तक पहुंच जाना चाहिता था
मेरे पैर खुद ही उस तरफ उठ रहे थे और दौड़े जा रहे थे
मै खुद को रोकना चाहता था मगर रोक नहीं पा रहा था
मैं खुद अपने इख्तियार से बाहर था
बस दौड़े जा रहा था
मेरी बेबसी का यह आलम था मेरी सांसें उखड़ना चाहतीं थीं
मैं बिल्कुल भी ऐसे हाल में नहीं था कि भाग सकूं
मगर भागे जा रहा था
कैसा जादू था उस आवाज़ में
अजीब सी एक कशिश थी
वह आवाज़ थी या उन लफ़्ज़ों में दर्द भरा था
मैं समझ नहीं पा रहा था
जैसे वह सारे बोल वह सारा दर्द मेरे लिए ही हो
जैसे जैसे मैं क़रीब पहुंच रहा था
मेरी बेकरारी बढ़ रही थी
धड़कनें तेज हो रही थीं
मैं अब और तेज़ी से भाग रहा था
उतावला सा हो गया था
जल्दी जल्दी और जल्दी
बस भागे जा रहा था
बस सौ पचास ग़ज़ और फासला था हमारे बीच
एक धुंध सी थी हमारे दरमियां
मैं बिल्कुल क़रीब था
मैं पहुंच ही गया था
बस अब तब कि बात थी
बिल्कुल करीब एक दम सामने
कि तभी!!!
जैसे मैं डूबने लगा
मेरी आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा
मुझे अफनाहट सी होने लगी
ठंड लगने लगी
और फिर मेरी आंख खुल गई
मैं नींद में था ख़ाब देख रहा था,,,,
,,,,,,,,,,,,,,, एक रवायत हमारे गांव में आज भी है
,,,,,,,,,,,,,,निकम्मे लड़कों को जगाने के लिए
,,,,,,,,,,,,,,घर के सुपर पॉवर को यह हक़ होता है कि
,,,,,,,,,,,,,,,एक बाल्टी ठंडा पानी डाल सकते हैं,
,,,,,,,,,,,,,,,,सिर्फ सुपर पॉवर को ही यह काम करना पड़ता है, ,,,,,,,,,,,,,,,कोई दूसरा इस काम को अनजान नहीं दे सकता,,
,,,,,,,,,,,,,,लाफा पड़ने की पूरी संभावना होती है
फिर उठा,
फिर भागने लगा,
फिर गिरा,
फिर मेरी आंख खुल गई
मैं नींद में था ख़ाब देख रहा था,
यहीं बात खत्म हो जाती तो अच्छा था मगर ऐसा नहीं हुआ
ए कहानी शुरू ही ऐसे होती है,,
,,,मै और मेरे ख्वाब और रवायत,,,
दोबारा जब मुझे नींद ने अपनी आगोश में ले लिया
तो फिर वहीं से
गिरते पड़ते भागने लगा
एक आवाज़ जो मुझे इस क़दर मुतासिर कर गई थी
कि मैं बस उस तक पहुंच जाना चाहिता था
मेरे पैर खुद ही उस तरफ उठ रहे थे और दौड़े जा रहे थे
मै खुद को रोकना चाहता था मगर रोक नहीं पा रहा था
मैं खुद अपने इख्तियार से बाहर था
बस दौड़े जा रहा था
मेरी बेबसी का यह आलम था मेरी सांसें उखड़ना चाहतीं थीं
मैं बिल्कुल भी ऐसे हाल में नहीं था कि भाग सकूं
मगर भागे जा रहा था
कैसा जादू था उस आवाज़ में
अजीब सी एक कशिश थी
वह आवाज़ थी या उन लफ़्ज़ों में दर्द भरा था
मैं समझ नहीं पा रहा था
जैसे वह सारे बोल वह सारा दर्द मेरे लिए ही हो
जैसे जैसे मैं क़रीब पहुंच रहा था
मेरी बेकरारी बढ़ रही थी
धड़कनें तेज हो रही थीं
मैं अब और तेज़ी से भाग रहा था
उतावला सा हो गया था
जल्दी जल्दी और जल्दी
बस भागे जा रहा था
बस सौ पचास ग़ज़ और फासला था हमारे बीच
एक धुंध सी थी हमारे दरमियां
मैं बिल्कुल क़रीब था
मैं पहुंच ही गया था
बस अब तब कि बात थी
बिल्कुल करीब एक दम सामने
कि तभी!!!
जैसे मैं डूबने लगा
मेरी आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा
मुझे अफनाहट सी होने लगी
ठंड लगने लगी
और फिर मेरी आंख खुल गई
मैं नींद में था ख़ाब देख रहा था,,,,
,,,,,,,,,,,,,,, एक रवायत हमारे गांव में आज भी है
,,,,,,,,,,,,,,निकम्मे लड़कों को जगाने के लिए
,,,,,,,,,,,,,,घर के सुपर पॉवर को यह हक़ होता है कि
,,,,,,,,,,,,,,,एक बाल्टी ठंडा पानी डाल सकते हैं,
,,,,,,,,,,,,,,,,सिर्फ सुपर पॉवर को ही यह काम करना पड़ता है, ,,,,,,,,,,,,,,,कोई दूसरा इस काम को अनजान नहीं दे सकता,,
,,,,,,,,,,,,,,लाफा पड़ने की पूरी संभावना होती है
,,,,,,अज़माने से पहले अपनी इसतिथी को समझ लें
,,,,, हमारे घरों की सुपर पॉवर ज़ियादा तर अम्मा जी ही होती हैं,,,
बस इसी रवायत ने मुझे अपने ही सावालों के कटघरे में ला खड़ा ,,,,,,,किया है....
पानी से सराबोर
चुपचाप बैठा सोच रहा हूं
ऐ काश़ कुछ देर और
एक मिनट
यह चन्द एक लम्हा
अगर और मिल गया होता
तो पता चल जाता कि कौन था वह?
कौन था वह?
जो मुझे अपनी तरफ इतनी शिद्दत से खींच रहा था,
आखिर कौन कौन कौन?
सवालों की एक लंबी लिस्ट मेरे सामने है
और मैं
यही सोचे जा रहा हूं,
ऐ काश़ कुछ देर और
कुछ देर
काश़ मैं देख पाता
काश़ काश़ काश़
और दूसरी तरफ यह आवाजें भी सुनाई दे रही हैं
कमीना बारह बजने वाला है
निकम्मों की तरह सोया पड़ा है
कुछ ज़िम्मेदारी का एहसास नहीं है
दुनिया कहां की कहां पहुंच गई
और एक तू है
जो तेरी अभी सुबह नहीं हुई,
अम्मा जी बोले जा रही हैं,,
इतनी देर में
मैं अब पूरा जाग चुका था
थोड़ी हिम्मत कि और कहा
अम्मा
इतना अच्छा ख़ाब देख रहा था
आप ने सब बेकार कर दिया,
अम्मा जी ने जब सुना
तो चौंकने वाले अंदाज में कहा अच्छा!!!!
मेरा मुन्ना ख़ाब देख रहा था!!!!
हूं ़़ंंंंंंंंंंंंंंं
फिर बाल्टी में बचा हुआ ठंडा पानी वह भी मुझ पर उंडेल कर चली गईं
और कहते गईं
निकम्मां
ख़ाब देख रहा था,,,,
Nazish azmi,,
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