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,,,,,,,,,,,पेयाज़ और तुम,,,,,,,,,,

पेयाज़ और तुम दोनों ही महंगे हो गए हो

तुम भी रुलाती हो
और पेयाज़ तो खैर रुलाती ही है

रंग भी तुम दोनों का एक ही जैसा है
गुलाबी!!!

तुम दोनो ही नाराज़ हो केया???

न तुम नज़र आती हो
न ही पेयाज़ कहीं दिखाई देती है

पता है ना कि तुम दोनों कितनी ज़रूरी हो
मेरे लिए

तुम दोनों के बग़ैर कैसे रहता हूं
कैसे समझाऊं?

कुछ भी अच्छा नहीं लगता

भूख लगती है
खाना अच्छा नहीं लगता

बग़ैर पेयाज़ कैसे और कैसे हम जिएं
ना मुमकिन ना मुमकिन!!!!!!!

हमसे इतनी नाराजगी क्यों????

क्यूं मेरी ग़रीबी का मज़ाक बनाते हो???

तुम दोनों ही मेरे हो, मेरे लिए ही हो

मान जाओ यह लोगों को मना लो
बस तुम दोनों मेरी जिंदगी में वापस लौट आवो,

इसे फरियाद समझ लो
यह मेरी ज़रूरत समझो
यह मेरा हक़ जानो,

,,,पेयाज़
 और
 तुम
सिर्फ तुम तुम तुम दोनों,,....

,, धन्यवाद,,,

Nazish azmi,,

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