सब कुछ अच्छा लगता है जब वह खुश होते हैं,,,
बे फ़िक्र सा हो जाता हूं,हर चीज़ अच्छी लगने लगती है
ज़िन्दगी मज़ा देने लगती है लुत्फ़ आने लगता है
जीने का अलग ही अंदाज होता है
सब कुछ अच्छा लगता है जब वह खुश होते हैं,
मुहब्बत करने वाले लोग एक जैसे ही होते हैं
खाह वह किसी रंग में हों कहीं पर हों या कैसे भी हों
ज़ात वो मज़हब बे माना है इनके नज़दीक, इनके जो दिल होते हैं
वह सिर्फ मुहब्बत करते हैं
और मुहब्बत ही चाहते हैं,
अपने महबूब के लिए दुआएं करते हैं
मिन्नतें करते हैं गिड़गिड़ाते हैं रोते हैं
अपने मालिक के सामने,
और बस यही कहते हैं
या रब्ब तेरी इस काएनात में
सब कुछ अच्छा लगता है जब वह खुश होते हैं,
यह ख़ार वो ख़न्जर, यह ज़हर, यह दर दर की ठोकरें,
बदनामियों, रुसवाइयां, दर्द जहां के सारे
यह सब कुछ होने के बावजूद,
सब कुछ अच्छा लगता है जब वह खुश होते हैं,,
by
Nazish azmi,,,
बे फ़िक्र सा हो जाता हूं,हर चीज़ अच्छी लगने लगती है
ज़िन्दगी मज़ा देने लगती है लुत्फ़ आने लगता है
जीने का अलग ही अंदाज होता है
सब कुछ अच्छा लगता है जब वह खुश होते हैं,
मुहब्बत करने वाले लोग एक जैसे ही होते हैं
खाह वह किसी रंग में हों कहीं पर हों या कैसे भी हों
ज़ात वो मज़हब बे माना है इनके नज़दीक, इनके जो दिल होते हैं
वह सिर्फ मुहब्बत करते हैं
और मुहब्बत ही चाहते हैं,
अपने महबूब के लिए दुआएं करते हैं
मिन्नतें करते हैं गिड़गिड़ाते हैं रोते हैं
अपने मालिक के सामने,
और बस यही कहते हैं
या रब्ब तेरी इस काएनात में
सब कुछ अच्छा लगता है जब वह खुश होते हैं,
यह ख़ार वो ख़न्जर, यह ज़हर, यह दर दर की ठोकरें,
बदनामियों, रुसवाइयां, दर्द जहां के सारे
यह सब कुछ होने के बावजूद,
सब कुछ अच्छा लगता है जब वह खुश होते हैं,,
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Nazish azmi,,,
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