मुझको मेरी वफा का ईनाम दीजिए
अपने लबों में भर के कोई जाम दीजिए
माना कि हैं मुखालिफ दुश्मन हैं इश्क़ के
नज़रों से आप अपनी पैगाम दीजिए
शब ए विसाल सारी लम्हे भी खास हैं
अपनी हया को आज कुछ आराम दीजिए
प्यासा हूं इस क़दर मेरे सूखे पड़े हैं होंठ
तिशना लबी को अईए अंजाम दीजिए
तन्हा मिले तो उसने कहा लीजिए न दिल
हमने भी कह दिया कि सरेआम दीजिए
जी लेंगे सारी उम्र लम्हों में रह के साथ
एक मुख्तसर सी आप हमें शाम दीजिए
फैली बहुत है रोशनी नूर ए क़मर है जा बजा
हम जुगनूओं को भी कोई काम दीजिए
मजनू कहे न कोई न पर्वाना मिसाल हो
नाजिश को मुख्तलिफ कोई नाम दीजिए
Nazish azmi,,,,
अपने लबों में भर के कोई जाम दीजिए
माना कि हैं मुखालिफ दुश्मन हैं इश्क़ के
नज़रों से आप अपनी पैगाम दीजिए
शब ए विसाल सारी लम्हे भी खास हैं
अपनी हया को आज कुछ आराम दीजिए
प्यासा हूं इस क़दर मेरे सूखे पड़े हैं होंठ
तिशना लबी को अईए अंजाम दीजिए
तन्हा मिले तो उसने कहा लीजिए न दिल
हमने भी कह दिया कि सरेआम दीजिए
जी लेंगे सारी उम्र लम्हों में रह के साथ
एक मुख्तसर सी आप हमें शाम दीजिए
फैली बहुत है रोशनी नूर ए क़मर है जा बजा
हम जुगनूओं को भी कोई काम दीजिए
मजनू कहे न कोई न पर्वाना मिसाल हो
नाजिश को मुख्तलिफ कोई नाम दीजिए
Nazish azmi,,,,
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