कैसी गुज़र रही है सभी पूछते तो हैं
कैसे गुज़ारता हूं कोई पूछता नहीं
सब ख़ुश हैं उनकी जीत पे मस्त हैं मगन हैं
मैं ग़मज़दा हूं,हारता हूं कोई पूछता नहीं,,,
by
Nazish azmi
कैसे गुज़ारता हूं कोई पूछता नहीं
सब ख़ुश हैं उनकी जीत पे मस्त हैं मगन हैं
मैं ग़मज़दा हूं,हारता हूं कोई पूछता नहीं,,,
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Nazish azmi
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