वो हुस्न बे मिसाली का
ज़िक्र करें केया
उनके रुखसार की
लाली का ज़िक्र करें केया
लमहात उन अंधेरौं के छू कर गुज़र गए
हंसी वो रात
काली का ज़िक्र करें केया
केया केया न किए वादे
थे मज़बूत इरादे
अब अपनी बे ख्याली का
ज़िक्र करें केया,,
by
NAZISH azmi
ज़िक्र करें केया
उनके रुखसार की
लाली का ज़िक्र करें केया
लमहात उन अंधेरौं के छू कर गुज़र गए
हंसी वो रात
काली का ज़िक्र करें केया
केया केया न किए वादे
थे मज़बूत इरादे
अब अपनी बे ख्याली का
ज़िक्र करें केया,,
by
NAZISH azmi
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